जब हमारा देश गुलाम
था हमारे अन्दर अपनी आजादी की ललक थी | हमारे अन्दर देशभक्ति कूट-कूट कर भरी थी
लेकिन हम जैसे ही आजाद हुए हमें धर्म के नाम पर दो देश में बाट दिया गया और तभी से
हमारा देशभक्ति का लव बुझने लगा और धर्म के नाम पर हमारी लड़ाई बढ़ने लगी | देश की
जगह धर्म हमारी पहचान बन गयी, हम कभी-कभी धर्म को सबसे ऊपर समझने की भूल कर बैठे
जिसके परिणामस्वरूप आजादी के बाध हमें कई दंगे झेलने पड़े | आजादी के वाद जिन
नेताओं ने सरकार चलाने का जिम्मा लिया वो सभी के सभी स्वतंत्रता सेनानी थे उनके
अन्दर देशभक्ति कुछ हद तक थी लेकिन ज्यो ज्यो वह पीढ़ी ख़तम हुयी हमारी धार्मिक
चरमपंथी, इन नेताओं के लिए राजनीतिक मुद्दा बनने लगा इसके वाद तो धर्म को भी बाट
कर जाती को मुद्दा बनाया जाने लगा | हम या तो धर्म के नाम पर वोट देने लगे या जाती
के नाम पर या फिर वोट ही नहीं देते हैं आज भी हालत नहीं बदला है और यही कारण है की
अगर कोई कोशिश भी करे तो विकाश मुद्दा नहीं बनता है क्योकि हमारे अन्दर इक भावना
भर दिया गया की चुनाव नेता नहीं जीतता जाती और धर्म जीतती है | ऐसा माहोल बनाया
गया है इस देश के लोग वास्तविकता से अपरिचित रहे क्योकि विकास पसंद जनता सवाल
पूछती है और सरकार से हिसाब मांगती है | साथियों पिछले साल से इस देश के युवाओं
में जागरूकता आया है | हमें फिर से अपने अन्दर वही आजादी वाला जूनून लाना होगा और
नयी आजादी की लड़ाई काले अंग्रेजों से ही लड़ना होगा | हमने गोरों की गुलामी से
आजादी पा लिया लेकिन कुछ काले नेताओं की पैसे की भूख ने हमें विवश किया फिर से नयी
आजादी के लिए | साथियों आगे बड़े और अपने
अन्दर वही देशप्रेम के साथ नयी आजादी की शुरुआत करें | हमारी इक ही पहचान है भारत
यही हमारी जाती यही हमारा धर्म है | हम अपने आप में इक भारत हैं जिस दिन इस भावना
के साथ हमलोग जुड़ जायेंगे उस दिन भारत विश्व गुरु बन जायेगा |
दबने का वक़्त ख़तम हुआ ,
अब उठने का वक़्त है ,
गुस्से को पिने का वक़्त ख़तम हुआ ,
अब लड़ने का वक़्त है ,
एक जगह पर ठहरे हुए 64 साल बीत गए ,
अब चलने का वक़्त है ,
वक़्त किसी के लिए नहीं ठहरता ,
अगर अब भी उनसे ही उम्मीद किये बैठे रहे ,
तो समझो मरने का वक़्त है , जय भारत |
अब उठने का वक़्त है ,
गुस्से को पिने का वक़्त ख़तम हुआ ,
अब लड़ने का वक़्त है ,
एक जगह पर ठहरे हुए 64 साल बीत गए ,
अब चलने का वक़्त है ,
वक़्त किसी के लिए नहीं ठहरता ,
अगर अब भी उनसे ही उम्मीद किये बैठे रहे ,
तो समझो मरने का वक़्त है , जय भारत |
आंदोलन देशप्रेम, संपर्क करें – अमित सिंह +91-8822363984
1 comment:
bahut badiya bhai
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